Savant anti ki ladkiyan: सावंत आंटी की लड़कियां

By: Geet Chatruvedi: गीत चतुर्वेदीContributor(s): CHATURVEDI (Geet): चतुर्वेदी (गीत)Material type: TextTextLanguage: Hindi Publisher: Nayi Dilli Rajkamal Prakashan 2021Description: 176p. HB 22x14cmISBN: 9788126719228Subject(s): Hindi Fiction: हिंदी कहानी | Hindi Literature: हिंदी साहित्यDDC classification: H891.3 Summary: मिथकों और दंतकथाओं का आविष्कार गीत चतुर्वेदी की कहानियों की विशेषता है। हमारी इतिहास चेतना को तथ्यों के घटाटेप में मूंदकर तबाह करने के षड्यंत्र की मुख्खालफत करते हुए गीत की कहानियां व्यष्टि के बहाने समष्टि का भावात्मक इतिहास बनकर पाठकों के कलात्मक आस्वाद का विस्तार करती हैं। चाहे ‘सौ किलो का साँप’ हो, ‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ या फिर ‘साहिब है रंगरेज’ जैसी कहानी, गीत हमारे समाज के अवचेतन में दबी पड़ी उत्कंठाओं, आशाओं वदुराशाओं को एक गहन अंतर्दृष्टि के साथ रचनात्मक लहजे में ढालते हैं।…(उनकी कहानियों के) संसारों की बहुलता के मूल में है भाषा की बहुध्वन्यात्मकता। गीत भाषा के साथ बहुत सजग और रचनात्मकता खिलवाड़ करते हैं। — प्रियम अंकित, प्रगतिशील वसुधा
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मिथकों और दंतकथाओं का आविष्कार गीत चतुर्वेदी की कहानियों की विशेषता है। हमारी इतिहास चेतना को तथ्यों के घटाटेप में मूंदकर तबाह करने के षड्यंत्र की मुख्खालफत करते हुए गीत की कहानियां व्यष्टि के बहाने समष्टि का भावात्मक इतिहास बनकर पाठकों के कलात्मक आस्वाद का विस्तार करती हैं। चाहे ‘सौ किलो का साँप’ हो, ‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ या फिर ‘साहिब है रंगरेज’ जैसी कहानी, गीत हमारे समाज के अवचेतन में दबी पड़ी उत्कंठाओं, आशाओं वदुराशाओं को एक गहन अंतर्दृष्टि के साथ रचनात्मक लहजे में ढालते हैं।…(उनकी कहानियों के) संसारों की बहुलता के मूल में है भाषा की बहुध्वन्यात्मकता। गीत भाषा के साथ बहुत सजग और रचनात्मकता खिलवाड़ करते हैं।
— प्रियम अंकित, प्रगतिशील वसुधा

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