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Sansar Ke Prasiddh Yuddh: संसार के प्रसिद्ध युद्ध

By: Contributor(s): Material type: TextTextLanguage: Hindi Publication details: Nayi Dilli Granth Akademi 1996Description: vi,286 p. HB 22x14 cmISBN:
  • 8185826250
Subject(s): DDC classification:
  • 23 H891.4 MISS
Summary: युद्ध सभी राष्‍ट्रों की स्‍थायी प्रक्रिया रही है। व्‍यक्‍त‌ि, समाज, राज्‍य एवं राष्‍ट्र का अस्‍त‌ित्‍‍व संघर्ष एवं युद्ध पर ही आधारित रहा है। युद्ध का महत्त्व मानव सभ्यता, विज्ञान तथा तकनीकी विकास में सदैव से रहा है। जब से इतिहास आरंभ होता है तब से लेकर आज तक युद्ध अनवरत चलता आ रहा है और मानव अस्तित्व के रहने तक निरंतर चलता रहेगा। विश्‍व के इतिहास में कोई भी ऐसा क्षण नहीं रहा है जबकि युद्ध न हुआ हो। इसीलिए कहा जाता है कि युद्ध एक आवश्यक बुराई है। अत: युद्धों का अध्ययन शांति की परिकल्‍पना को साकार बनाने के लिए आवश्यक है। संसार के प्रसिद्ध युद्धों की प्रमुख घटनाओं, वास्तविक संघर्ष, तुलनात्मक सैन्य शक्‍ति, समरतांत्रिक फैलाव, कूट- योजना, समरतंत्र, शस्‍‍त्रास्‍‍त्रों, सिद्धांतों एवं सैन्य शिक्षाओं की मीमांसा करके जनसाधारण को युद्ध की जानकारी देकर शांति के प्रति जागरूकता पैदा करना इस पुस्तक का उद‍्देश्य है। वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति के कारण युद्ध का अध्ययन अत्यंत परिश्रम से किए जाने की आवश्यकता है; क्योंकि यह राज्य का एक महान् कार्य है, जीने व मरने का क्षेत्र है तथा सुरक्षा व विनाश का मार्ग है। यदि भविष्‍य को सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण रखना है, तो युद्ध को विस्तृत रूप में समझना होगा। आज की आवश्यकता, आनेवाली पीढ़ियों की सुरक्षा एवं सुख-शांति के लिए उपयोगी यह पुस्तक निस्संदेह अध्ययन, अध्‍यापन एवं संग्रह के योग्य है। इसमें ससार के समस्त ज्ञात युद्धों (महाभारत काल तक) को समाहित किया गया है।
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युद्ध सभी राष्‍ट्रों की स्‍थायी प्रक्रिया रही है। व्‍यक्‍त‌ि, समाज, राज्‍य एवं राष्‍ट्र का अस्‍त‌ित्‍‍व संघर्ष एवं युद्ध पर ही आधारित रहा है। युद्ध का महत्त्व मानव सभ्यता, विज्ञान तथा तकनीकी विकास में सदैव से रहा है। जब से इतिहास आरंभ होता है तब से लेकर आज तक युद्ध अनवरत चलता आ रहा है और मानव अस्तित्व के रहने तक निरंतर चलता रहेगा। विश्‍व के इतिहास में कोई भी ऐसा क्षण नहीं रहा है जबकि युद्ध न हुआ हो। इसीलिए कहा जाता है कि युद्ध एक आवश्यक बुराई है। अत: युद्धों का अध्ययन शांति की परिकल्‍पना को साकार बनाने के लिए आवश्यक है। संसार के प्रसिद्ध युद्धों की प्रमुख घटनाओं, वास्तविक संघर्ष, तुलनात्मक सैन्य शक्‍ति, समरतांत्रिक फैलाव, कूट- योजना, समरतंत्र, शस्‍‍त्रास्‍‍त्रों, सिद्धांतों एवं सैन्य शिक्षाओं की मीमांसा करके जनसाधारण को युद्ध की जानकारी देकर शांति के प्रति जागरूकता पैदा करना इस पुस्तक का उद‍्देश्य है। वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति के कारण युद्ध का अध्ययन अत्यंत परिश्रम से किए जाने की आवश्यकता है; क्योंकि यह राज्य का एक महान् कार्य है, जीने व मरने का क्षेत्र है तथा सुरक्षा व विनाश का मार्ग है। यदि भविष्‍य को सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण रखना है, तो युद्ध को विस्तृत रूप में समझना होगा। आज की आवश्यकता, आनेवाली पीढ़ियों की सुरक्षा एवं सुख-शांति के लिए उपयोगी यह पुस्तक निस्संदेह अध्ययन, अध्‍यापन एवं संग्रह के योग्य है। इसमें ससार के समस्त ज्ञात युद्धों (महाभारत काल तक) को समाहित किया गया है।

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