Harivanshrai Bachchan: हरिवंशराय बच्चन

Neerh ka nirman phir: Harivanshrai Bacchan ki atmakatha: नीड़ का निर्माण फिर : हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा: Part 2 - Delhi Rajpal & Sons 2020 - 272 p. HB 23x14 cm.

प्रख्यात लोकप्रिय कवि हरिवंशराय बच्चन की बहुप्रशंसित आत्मकथा हिन्दी साहित्य की एक कालजयी कृति है। यह चार खण्डों में है: "क्या भूलूँ क्या याद करूँ", "नीड़ का निर्माण फिर", "बसेरे से दूर" और "‘दशद्वार’ से ‘सोपान’ तक"। यह एक सशक्त महागाथा है, जो उनके जीवन और कविता की अन्तर्धारा का वृत्तान्त ही नहीं कहती बल्कि छायावादी युग के बाद के साहित्यिक परिदृश्य का विवेचन भी प्रस्तुत करती है। निस्सन्देह, यह आत्मकथा हिन्दी साहित्य के सफ़र का मील-पत्थर है। बच्चनजी को इसके लिए भारतीय साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कार -‘सरस्वती सम्मान’ से सम्मानित भी किया जा चुका है।

9788170281184


Hindi Miscellaenous:
Hindi Literature: हिन्दी विविध
Autobiography: आत्मकथा

H891.8 / BACN

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