TY - BOOK AU - Rajesh Joshi: राजेश जोशी AU - AU - JOSHI (Rajesh): जोशी (राजेश) AU - SIMH (Sudhir Ranjan): सिंह (सुधीर रंजन) TI - Pratinidhi kavitayen: प्रतिनिधि कविताएँ SN - 9788126724123 U1 - H891.1 23 PY - 2021/// CY - Dilli PB - Rajkamal Prakashan KW - Hindi Poetry: हिंदी कविता KW - Hindi Literature: हिंदी साहित्य N2 - राजेश जोशी की कविताओं को पढ़ना एक पीढ़ी और उसके समय से दस-पन्द्रह साल पीछे की कविता और उससे जुड़ी बहसों के बारे में सोचना, और इतने ही साल आगे की कविता और उसकी मुश्किलों की ओर ताकना है। कविता की एक संश्लेषी परम्परा रही है, जिसके भीतर राजेश जोशी की सक्रियता देखी जा सकती है। इसी बात ने उन्हें ख़ास पहचान दी और समकालीन कविता को भी। केदारनाथ सिंह का यह कथन बिलकुल दुरुस्त है कि ‘राजेश जोशी आज की कविता के उन थोड़े से महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षरों में हैं, जिनसे समकालीन कविता की पहचान बनी है।’ राजेश जोशी की ‘समझ’ से समकालीन कविता और उसकी नई पीढ़ी अभिन्न है। कविता की एक संश्लेषी परम्परा, जो पीछे ही नहीं आगे भी जाती है। इसमें प्रतिरोध और प्रतिबद्धता है तो पर्याप्त लोच भी है। ER -