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Hindu Manyathaon Ka Vaigyanik Adhar: हिन्दू मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार

By: Contributor(s): Material type: TextTextLanguage: Hindi Publication details: Nayi Dilli Diamond Pocket Books 2003Description: 186 p. PB 21x14 cmISBN:
  • 8171822335
Subject(s): DDC classification:
  • 23 294.5925H DWIH
Summary: वैदिक विद्वानों के पास जो परंपरागत हस्तलिखित पुस्तकें हैं, वे उन्हें दूसरों को देते नहीं। ज्ञान का लोप हो रहा है। श्रीमाली ब्राह्मणों के कुलगुरू, प्रातःस्मरणीय पुण्यश्लोग वेदपाठी पूज्य पिताश्री स्व. जयनारायण जी द्विवेदी की अन्तिम इच्छा थी कि अपनी कुलपरंपरागत पुस्तकों का ज्ञान आम जनता को वितरित करों, ताकि ब्राह्मण उठकर खड़े हो सकें। सही व सच्चे ज्ञान को प्राप्त कर, धर्मानुरागी समाज भी आश्वस्त रहे तथा ज्ञान व तेजस्विता का प्रकाश सर्वत्र फैल सके। यज्ञोपवीत एवं विवाह हिन्दू धर्म के अति आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण संस्कार हैं। पौरोहित्य व कर्मकाण्ड की तकनीकी पुस्तकों की श्रृंखला में यज्ञकुण्डमण्डपसिद्धि, कालसर्पयोग शांति, अंत्येष्टि व रुद्री के पश्चात् ‘डायमंड प्रकाशन’ की यह सबसे महत्त्वपूर्ण पुस्तक है जो धार्मिक संस्कार व पुरातन सांस्कृतिक परंपराओं की सुरक्षा हेतु अवलंबित ज्ञान की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। हिन्दू सोलह संस्कारों की सम्पूर्ण जानकारी के साथ व्यावहारिक रूप से विवाह कराने की प्रथा पर यह पुस्तक भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, जिसे हस्तगत कर कोई भी व्यक्ति, किसी भी व्यक्ति का यज्ञोपवीत एवं विवाह-संस्कार वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार करा सकता है।
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वैदिक विद्वानों के पास जो परंपरागत हस्तलिखित पुस्तकें हैं, वे उन्हें दूसरों को देते नहीं। ज्ञान का लोप हो रहा है। श्रीमाली ब्राह्मणों के कुलगुरू, प्रातःस्मरणीय पुण्यश्लोग वेदपाठी पूज्य पिताश्री स्व. जयनारायण जी द्विवेदी की अन्तिम इच्छा थी कि अपनी कुलपरंपरागत पुस्तकों का ज्ञान आम जनता को वितरित करों, ताकि ब्राह्मण उठकर खड़े हो सकें। सही व सच्चे ज्ञान को प्राप्त कर, धर्मानुरागी समाज भी आश्वस्त रहे तथा ज्ञान व तेजस्विता का प्रकाश सर्वत्र फैल सके। यज्ञोपवीत एवं विवाह हिन्दू धर्म के अति आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण संस्कार हैं। पौरोहित्य व कर्मकाण्ड की तकनीकी पुस्तकों की श्रृंखला में यज्ञकुण्डमण्डपसिद्धि, कालसर्पयोग शांति, अंत्येष्टि व रुद्री के पश्चात् ‘डायमंड प्रकाशन’ की यह सबसे महत्त्वपूर्ण पुस्तक है जो धार्मिक संस्कार व पुरातन सांस्कृतिक परंपराओं की सुरक्षा हेतु अवलंबित ज्ञान की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। हिन्दू सोलह संस्कारों की सम्पूर्ण जानकारी के साथ व्यावहारिक रूप से विवाह कराने की प्रथा पर यह पुस्तक भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, जिसे हस्तगत कर कोई भी व्यक्ति, किसी भी व्यक्ति का यज्ञोपवीत एवं विवाह-संस्कार वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार करा सकता है।

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