Bhartrihari ka vairagaya shatak भर्तृहरि का वैरागया शतक

Moolchandra Pathak मूलचन्द्र पाठक

Bhartrihari ka vairagaya shatak भर्तृहरि का वैरागया शतक - Delhi Gyan Ganga ज्ञान गंगा 2003 - 132 p. HB 22x14 cm.

श्री पाठक कौ मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार एवं राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली द्वारा मार्च २००० में ' विद्वत्सम्मान ' से, राजस्थान सरकार द्वारा संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में प्रशंसनीय लोकसेवा के लिए अगस्त २००१ में तथा राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर द्वारा मार्च २००२ में विशिष्ट विद्वान् के रूप में सम्मानित किया गया ।

8188139300

H891.1 / PATB